चौरासी सिद्ध

चौरासी सिद्ध

श्री अड्बंग नाथ जी

गुरु : श्री शम्भु जाती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : पागल

स्थान : महाराष्ट्र / गुजरात

तपस्या : उत्तर-पूर्विय पर्वतीय क्षेत्र

साधना : हट योगा
श्री अल्लम नाथ जी


गुरु : श्री शम्भु जाती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : सुफी

स्थान : पाकिस्तान, कैकय जिला 

तपस्या : सिंधु ( पंजाब ) पाकिस्तान उत्तरिय पर्वतीय क्षेत्र

साधना : पावन मुक्तासन, वज्रासन, विरासन के ध्यान और ज्ञान योग की पूर्णता सिद्धि




श्री औघड नाथ जी
गुरु: श्री शम्भु जाती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : गोरक्ष-पंथ ( औघड )

स्थान : गिरनार, गुजारात 

तपस्या : 12 साल गिरनार पर्वत पर

साधना : पद्मासन सिद्धि ( आसन ध्यान मुद्रा में बैठ कर सब कुछ जान लेना ) पर्वत उत्कटासन सिद्धि 

कर्म : अपनी सिद्धि को समाज की भलाई के लिए लगाना, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना

 
श्री बालगुन्दाई नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई

स्थान : करनाल क्षेत्र, गोरक्ष टिल्ला, पाकिस्तान 

तपस्या : गोरक्ष टिल्ला पाकिस्तान, हिमालयन गडवाल, बद्रिनाथ, केदारनाथ, करनाल हरियाणा, राजस्थान, पंजाब 

साधना : गोरक्षसन सिद्धि, शुन्य समाधि, कुंडलिनी साधना, सभी योगा सिद्धि 

कर्म : गुरु सेवा, तपस्या, पूर्ण भक्ति योगा, हट योगा सिद्धि (चमत्कार), नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री बालक नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : भर्थरी बैराग

स्थान : हमीरपुर, शाहात्ले, हिमाचल प्रदेश 

तपस्या : कालिसा, मानसरोवर, बद्रिनाथ, केदारनाथ, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, सिन्धु आदि 

साधना : द्विपदा-वक्रासन सिद्धि, पद्मासन, ज्ञान-मुद्रा, अवधुत तपस्या, योगा सिद्धि 

कर्म : अपनी सिद्धि को समाज की भलाई के लिए लगाना, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री भद्र नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी लंकनाथ जी 

पंथ : रावल योगी 

स्थान : भादरा क्षेत्र, अंध्रा प्रदेश ( दक्षिणी क्षेत्र ) 

तपस्या : भादरा क्षेत्र ( अवधुत साधना ), श्री शैला पर्वत अंध्रा प्रदेश, कदकि क्षेत्र कर्नाटक 

साधना : वज्रासन सिद्धि, पद्मासन सिद्धि, ताडासन सिद्धि, खप्पर-चिम्टा सिद्धि, अवधुत साधना 

कर्म : तंत्र को मुक्ति अभिव्यक्ति, समाज सेवा, यात्रा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री भगाई नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी श्रताईनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : कुरुक्षेत्र (हरियाना) 

तपस्या : ध्यान, शुन्य समाधी 

साधना : योगा मुद्रासन्, ताडासन, गरुडासन, अश्व संचालासन, हम्सासन, पदा प्रणामासन आदि सिद्धिया 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री भर्थरि ( विचार ) नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : भर्थरी बैराग (प्रवर्तक) 

स्थान : उज्जैन ( मालवा ) क्षेत्र मध्य प्रदेश 

तपस्या : मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमालया, उत्तराखण्ड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, पाकिस्तान, सिंध 

साधना : सिद्धासन, कुण्डलिनी योग सिद्धि, अवधूत साधना, 

कर्म : समाज सेवा, भर्थरी बैराग (प्रवर्तक), नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री भुचर नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी भर्थरिनाथ जी 

पंथ : भर्थरी बैराग 

स्थान : हजारा, पंजाब 

तपस्या : जमीन के नीचे पृथ्वी के व्यवहार में अपने अधिकार के रूप में परिवर्तन की सिद्धि, भावनात्मक योगी 

साधना : सिद्धासन सिद्धि, विरासन सिद्धि, सांप के व्यवहार के क्षेत्र में प्राकृतिक आवास (साधना) 

कर्म : समाज सेवा, सभी जीवित प्राणियों के धर्म की रक्षा और सुरक्षा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री भुसकाई नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : बंगाल ( विमला गुफा ) 

साधना : पद्मासन, ब्रह्मचर्यासन, योगा मुद्रासाँ सिद्धि 

तपस्या : बंगाल, बिहार, उड़ीसा और हरियाणा के जंगल वन 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री बिलेशाय नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी चर्पट नाथ जी 

पंथ : चर्पटी माथी 

स्थान : मणिमहेश पर्वत ( हिमांचल प्रदेश ) 

साधना : पद्मासन सिद्धि, द्विपदा-ग्रिवासन सिद्धि , रसा सिद्धि 

तपस्या : उत्तर पर्वत 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना

श्री बिरबंक नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : ध्वज पंथ ( प्रवर्तक ) 

स्थान : ऋषिमुक पर्वत 

साधना : ऊर्ध्व पदा शिर्षासन सिद्धि, पावन हरि, राम भगत, ज्ञान योगा, ब्रह्मचर्य, सभी सिद्धियों से पूर्ण 

तपस्या : ऋषिमुक पर्वत 

कर्म : सुरक्षा / निरापदता / ज्ञान / विदया का दाता
श्री ब्रह्मनाई (ब्रहमाई) नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी भगाई नाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : जिंद ( हरियाणा ), हस्तिनापुर ( उत्तर प्रदेश ) 

साधना : गोमुखासन, मत्स्येंद्रासन, पद्मासन, पावन मुक्तासन सिद्धि 

तपस्या : जटाधारी, ह्ट योग तपस्या, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमालय 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री चक्र नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : नटेश्वरी 

स्थान : उत्तर-पश्चिम क्षेत्र 

साधना : स्वस्तिकासन, चक्रासन सिद्धि, चक्रि-तन्त्र साधना, लिंग-वक्रासन सिद्धि 

तपस्या : गोरक्ष टिल्ला पाकिस्तन, कैकय केशत्र, उत्तरी पर्वत 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री चंद्र नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी कपिलनाथ जी 

पंथ : कपलनी 

स्थान : गंगा-सागर क्षेत्र बंगाल, कोलयत ( राजस्थान ) 

साधना : कपिलासन सिद्धि, वज्रासन सिद्धि 

तपस्या : गुरु सेवा, तपस्या कोलयत, शिव भगत, 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री चर्पट नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : चर्पटी नाथी 

स्थान : चम्बा क्षेत्र हिमांचल प्रदेश 

साधना : पद्मासन सिद्धि, पूर्ण-मत्स्येंद्रासन सिद्धि, रसा सिद्धि, अयुर्वेदा आर्चाय 

तपस्या : हिमांचल प्रदेश, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, जम्मू-कश्मीर 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री दरिया नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : नटेश्वरी ( दरिया नाथी ) 

स्थान : अतक दरिया क्षेत्र पाकिस्तान 

साधना : पद्मासन सिद्धि, गुप्त-गर्भासन सिद्धि, जाल तपस्या सिद्धि, 

तपस्या : पाकिस्तान, सिंध, हिंगलाज, कबूल, कंधार, हिमालय 

कर्म : योगाभ्यास के चमत्कार मानव के आसपास, घुमक्कड़, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री दर्या नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : भर्थरि बैराग 

स्थान : गिरनार पर्वत, गुजरात 

साधना : पद्मासन सिद्धि, गोरक्षसन सिद्धि, अभय मुद्रा सिद्धि, 

तपस्या : ध्यान योगा तपस्या विंध्या पर्वत पर, गिरनार हिमालय

कर्म : यात्रा करते हुए सभी की मदद करना, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री देव नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी गोविन्द नाथ जी 

पंथ : वरकरी ( भागवत धर्म ) 

स्थान : ओलियपुर ( अंदाजन विलेज ), अमरावती महाराष्ट्र 

साधना : हस्ता-पावन मुक्तासन सिद्धि, भागवत गीता का पूर्ण ज्ञान, भक्ति साधना, कविता करना आदि 

तपस्या : अंदाजन केशत्र, ओलियपुर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश 

कर्म : भक्ति, समाज सेवा, भागवत धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री धर्म नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : पाव 

स्थान : भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र 

साधना : सिद्धासन सिद्धि, ज्ञान-मुद्रा सिद्धि, पद्मासन सिद्धि, वेदा शास्त्र प्रश्न आदि 

तपस्या : कैलाश पर्वत, मानसरोवर पटल, भुनेश्वर 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री धीर नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी अल्लम नाथ जी 

पंथ : सुफी 

स्थान : बंगाल के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र 

साधना : 

तपस्या : बंगाल, उडीसा तटीय क्षेत्र 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री धुंधुकार नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : असम के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र, नेपाल, नागालैंड 

साधना : पद्मासन सिद्धि, एटीएम अनुभव, शंख मुद्रा, पावन मुक्तासन सिद्धि 

तपस्या : असम के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र, नेपाल, नागालैंड 

कर्म : ज्ञान-योगा समाधि-योगा का उत्तराखण्ड, दक्षिणी-पूर्वी भारत, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री एक नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी जर्नाधन नाथ जी 

पंथ : वरकरी 

स्थान : पैठण, महाराष्ट्र 

साधना : सिद्धासन सिद्धि, पद्मासन सिद्धि, भक्ति रसधारा सिद्धि 

तपस्या : शुलभंद्जन पर्वत, त्र्यंबकेश्वर महाराष्ट्र, गंगापुर कर्नाटक, श्री शैला पर्वत आंध्र प्रदेश, मलिकार्जुना उत्तर प्रदेश आदि

कर्म : असाधारण भक्ति योग और चमत्कार चित् के माध्यम से मानव-सेवा, समाज सेवा, नाथ धर्म
श्री गहिनी नाथ जी

गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : वरकरी 

स्थान : त्र्यंबकेश्वर ( कनका विलेज ‌), महाराष्ट्र 

साधना : उनमनी, भक्ति रसम्रिता सिद्धि, हस्ता कछवसना पूर्णता 

तपस्या : त्र्यंबकेश्वर महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात आदि 

कर्म : प्रवर्तक वैष्णवी वरकरी संप्रदाय, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री गरीब नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी बालकनाथ जी 

पंथ : भर्थरि बैराग 

स्थान : पालमपुर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश 

साधना : पद्मासन सिद्धि, उत्कतासन सिद्धि, अवधूत साधना, ज्ञान योगा 

तपस्या : उना के जंगलों गुफा में तपस्या, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश, सधोरा पंजाब, दफरपुर हरियाणा, हैदराबाद आंध्र प्रदेश, तुलजापुर महाराष्ट्र, धिनोधर कछाछ, हिंगलाज पाकिस्तान आदि 

कर्म : भारत भर में योग प्रचार और सेवा योग सिद्घियां, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री गौरव नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी मत्स्येंद्रानाथ जी 

पंथ : कपलिक ( अघोर ) 
`
स्थान : बिहार 

साधना : कंधरासन सिद्धि, समाधी साधना, ज्ञान-ध्यान योगा 

तपस्या : हिमालय, असम, मणिपुर, नागालैंड 

कर्म : सिद्धि अभिव्यक्ति, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री गेहल्ला रावल नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : कपालिक ( रावल पंथ ) 

स्थान : हिंगलाज सिन्धु के पश्चिम क्षेत्र 

साधना : पावन मुक्तासन सिद्धि, श्मशान साधना 

तपस्या : हिंगलाज पर्वत सिन्धु के पश्चिम क्षेत्र, बद्रिनाथ, केदारनाथ 

कर्म : प्रवर्तक रावल पंथ, धर्म-अर्थ-कम-मोक्ष का पूर्ण ज्ञान, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री घोड़ा चोलिपा नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र 

साधना : सिद्धासन सिद्धि, विरासन सिद्धि, धुँआ कर्म साधना, मुद्रासन सिद्धि 

तपस्या : बंगाल, गुवाहाटी असम के पहाड़ी क्षेत्र 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री गोपाल नाथ जी
गुरु : श्री सिद्ध योगी एकनाथ जी 

पंथ : वरकरी 

स्थान : त्रिपुरा क्षेत्र, कोरे विलेज 

साधना : सिद्धासन पद्मासन सिद्धि, धुँआ कर्म साधना, भक्ति योगा, दैविक मकरंद (अमृता) पान, नाद ब्रह्म विद्या, गोमुखासन सिद्धि 

तपस्या : महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि 

कर्म : अमृता भक्ति योग का उपयोग, प्रचार, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री गौर नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : धर्मनाथी 

स्थान : कश्मीर और सिंध क्षेत्र 

साधना : पद्मासन सिद्धि, कंधारासन सिद्धि, पानी में वास करने की सिद्धि, ज्ञान योगा 

तपस्या : पानी में पद्मासन की अवस्था में 

कर्म : ज्ञान, साधना, अभिव्यक्ति, मुक्ति, धर्म प्रचार और बच्चों की देखभाल, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री हवाई नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : पश्चिमी क्षेत्र 

साधना : हस्तापदा पद्मासन सिद्धि, हवा में घूमना - प्राण परिपूर्णता का नियंत्रण 

तपस्या : बद्रीनाथ, केदारनाथ 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री जम्भ नाथ जी
गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : मननाथी 

स्थान : द्जलपुर, राजस्थान 

साधना : वैष्णवी भक्त साधना, ध्यान योगा हट योगा द्वारा, ज्ञान योगा, ऊर्ध्व 
धनुरासन सिद्धि 

तपस्या : मस्तिष्क और इच्छा पर नियंत्रण, 

कर्म : प्रवचन्, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री ज्ञानेश्वर नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी निवृत्ति नाथ जी 

पंथ : वरकरी 

स्थान : अलंडी महाराष्ट्र 

साधना : कुंडलिनी योगा, पद्मासन सिद्धि, नितम्बासन सिद्धि, नाँद ब्राह्मण योगा, भक्ति योगा आदि 

तपस्या : भक्ति योगा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश 

कर्म : ब्राह्मण प्रचार ज्ञान, योग सिद्धि से भरपूर, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री ज्वालेन्द्र नाथ जी

गुरु : श्री ओंकार आदिनाथ जी 

पंथ : पाव ( प्रवर्तक ) 

स्थान : कलशाचल ( ड्जलोर ) 

साधना : कपालिका वज्रासन् सिद्धि 

तपस्या : कुकुट्टासन द्जलंधारा बंधा पूर्णता 

कर्म : योग सिद्धि, मंत्र योगा, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री काकचण्डी नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी चौरंगीनाथ जी 

पंथ : पालक ( पागल ) 

स्थान : कश्मीर काक-भुशुंडी तीर्थ 

साधना : काक-मुद्रा, सिद्धासन, पदमासन सिद्धिया, पवन-मुक्ता-मुखासन, लिंग-भेदासन, लिंग-भेदी-वक्रासन 

तपस्या : जम्मू-कश्मीर, बद्रीनाथ, हिमालय, काक्भुशुंडी तीर्थ, नेपाल, कृष्णा और कंदकि नदी के पास, सुमेक पर्वत, कैलाश पर्वत, उज्जैन आदि 

कर्म : भक्ति योग साधना, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री काल नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी मत्स्येंद्रनाथ जी 

पंथ : अघोर, कपालिक, कपालानी 

स्थान : कुल्लू हिमाचल प्रदेश 

साधना : उत्कटासन, पवन-मुक्ता-कर्णासन सिद्धि 

तपस्या : कुल्लू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पूर्वी भारत, असम, नागालैंड आदि 

कर्म : पुस्तक लिखना, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना

श्री कनकाई नाथ जी

गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : बंगाल 

साधना : पद्मासन सिद्धि, समाधि साधना, योग मुद्रासाँ सिद्धि

तपस्या : पश्चिम बंगाल का तटीय केशत्र, हरियाणा, कुरुक्षेत्र, पंजाब, गोरक्ष-टिल्ला आदि 

कर्म : भारत वर्ष में भ्रमण, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री कानिपा नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी जलंधरनाथ जी 

पंथ : पाव ( कापलिक, हेवज्रा ) 

स्थान : पहाड़पुर ( बिहार ) 

साधना : बद्धा-पद्मासन सिद्धि, ऊर्ध्व-धनुरासन सिद्धि 

तपस्या : राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि स्थानों पर श्मशान सिद्धि 

कर्म : भारत वर्ष में भ्रमण, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री कपिल नाथ जी (कपिल मुनि)

गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : कपलानी 

स्थान : गंगासागर, बंगाल 

साधना : कपिलासन सिद्धि 

तपस्या : पूर्वी नीलकंठ कुंड, पशुपतिनाथ राजस्थान, गंगा नदी के किनारे, कोलयत, कैलाश, बद्रिनाथ 

कर्म : संख्य शास्त्र का प्रचार, ज्ञान योग प्रवचन, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


श्री काय नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी भर्थरिनाथ जी 

पंथ : भर्थरि बैराग 
स्थान : पंजाब क्षेत्र, नेपाल 

साधना : स्वस्तिकासन सिद्धि, कुंडलिनी योग सिद्धि, अवधूत तपस्या, पवन-मुक्तासन सिद्धि 

तपस्या : नेपाल, पंजाब, राजस्थान, पाकिस्तान आदि 

कर्म : ज्ञान के द्वारा योग शक्ति और कल्पना का चमत्कार, ज्ञान योग प्रवचन, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री खेचर नाथ जी

गुरु : श्री शम्भु जती गुरु गोरक्षनाथ जी 

पंथ : आई 

स्थान : पुंछ कश्मीर 

साधना : पद्मासन विरासन सिद्धि, खेचरी मुद्रा सिद्धि 

तपस्या : पवन-हरि प्राण क्षमता उत्तोलन 

कर्म : योग शक्ति के द्वारा चमत्कार, समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना
श्री कोरण्ट नाथ जी

गुरु : श्री सिद्ध योगी पीर रतननाथ जी 

पंथ : सतनाथी 

स्थान : तक्षशीला ( बिहार ) 

साधना : श्रेष्ठ-उत्कटासन पद्मासन सिद्धि, ध्यान योग, समाधि योग 

तपस्या : पर्वतीय क्षेत्र, तिब्ब्त, डांग नेपाल 

कर्म : समाज सेवा, नाथ धर्म का प्रचार प्रसार करना


3 comments:

  1. सम्पूर्ण ८४ सिद्ध की जानकारियां उपलब्ध नहीं हैं
    कृपया पूर्ण जानकारी दे
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  2. कृपया सिद्ध गुरू पीर दरिया नाथ जी के विषय में अधिक जानकारी दें बड़ी कृपा होगी

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